टनल खुलने से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, ट्रैफिक जाम से मुक्ति और यात्रा होगी ज्यादा सुगम
रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा 2025 इस वर्ष ऐतिहासिक रूप से श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह का केंद्र बनी हुई है। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। इस भारी संख्या को देखते हुए, राज्य सरकार ने यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यात्रा मार्गों को बेहतर करने की दिशा में लगातार निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में केदारनाथ हाईवे और बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण टनल को अस्थायी रूप से खोल दिया गया है। यह टनल अब एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करेगी और यात्रियों को लंबे ट्रैफिक जाम से राहत दिलाएगी।
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टनल से होंगे ये बड़े फायदे
- केदारनाथ हाईवे से यात्रा कर रहे श्रद्धालु अब बेलनी पोखरी मार्ग होते हुए सीधे बदरीनाथ हाईवे से जुड़ सकेंगे।
- यह नया मार्ग रुद्रप्रयाग के मुख्य बाजार तक आसान पहुंच भी सुनिश्चित करेगा, जिससे स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को भी लाभ मिलेगा।
- आपातकालीन सेवाएं, जैसे एंबुलेंस, पुलिस और राहत वाहन, अब अधिक तेजी से और आसानी से गुजर सकेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा :
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था, संस्कृति और अर्थव्यवस्था का केंद्र है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर यात्री को सुरक्षित, सुविधाजनक और अविस्मरणीय यात्रा अनुभव मिले। इसी उद्देश्य से वैकल्पिक मार्ग बनाए जा रहे हैं और आपातकालीन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
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प्रशासनिक तैयारियाँ और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस टनल के खुलने के साथ ही प्रशासन ने सुरक्षा और रखरखाव के व्यापक इंतजाम किए हैं। संबंधित विभागों को 24×7 निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से यात्रियों को बचाया जा सके। पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से इस रूट पर सक्रिय निगरानी कर रहे हैं।
चारधाम यात्रा बन रही है सुव्यवस्थित प्रशासनिक मॉडल का उदाहरण
इस टनल के अस्थायी रूप से खुलने से जहां श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, वहीं यह राज्य सरकार की दूरदर्शिता और सतत प्रयासों का प्रमाण भी है। उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि व्यवस्थित प्रशासनिक मॉडल के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है।